कहानी: 4.5/5
पात्र: 4/5
लेखन शैली: 4/5
उत्कर्ष: 4/5
मनोरंजन: 4.5/5

अंकिता जैन द्वारा रचित कहानी संग्रह “Aisi Waisi Aurat” उनकी प्रथम प्रकाशित पुस्तक है। उनकी यह पुस्तक दैनिक जागरण नीलसन बेस्ट सेलर रही है। इसका प्रकाशन हिंद युग्म प्रकाशन द्वारा मार्च 2017 में किया गया। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2017 से 2019 तक इसके 5 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं।

अंकिता एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है परंतु, लेखन के प्रति झुकाव होने के कारण उन्होंने नौकरी को छोड़ कर अपना पूरा ध्यान लेखन पर केंद्रित कर लिया। उनकी कहानियां एफ. एम के रेडियो शो “यादों का ईडियट बॉक्स” तथा “यूपी की कहानियां” में ऑन एयर हो चुकी है।

उनका कहानी संग्रह “Aisi Waisi Aurat” नारी मन की विवशताओं को लेकर लिखी गई 10 कहानियों का ऐसा संग्रह है जो यह सवाल खड़ा करता है कि क्या समाज ने नारी पर उंगली उठाने से पहले उसके भीतर झांकने और उसे समझने का प्रयास किया है? क्या उसके “ऐसी वैसी औरत” जैसे सवालिया निशान लगाने से पहले उसने उसकी परिस्थितियों और मन स्थितियों का जायजा लिया है? संभवतः नहीं, क्योंकि हम अपने मस्तिष्क पर इतना दबाव डालना ही नहीं चाहते कि वहां तक पहुंच पाएं। अधिकांश स्त्रियों का जीवन ऊपरी तौर पर रंगोंसे सराबोर दिखाई देता है परंतु, उसका एक पक्ष बदरंग भी हो सकता है। इस पर कभी विचार किया ही नहीं गया।

अंकिता जैन ने अपने कहानी संग्रहAisi Waisi Aurat” में ऐसी ही 10 औरतों की कहानियां संकलित की हैं जो एक औरत की विषम परिस्थितियों और मजबूरी वश उनसे समझौता करने की कहानी कहती हैं। “मालिन भौजी”, “प्लेटफार्म नंबर 2”, “छोड़ी हुई औरत”, “धूल-माटी-सी जिंदगी”, “गुनहगार कौन”, “70 वें साल की उड़ान”, “रात की बात”, “उसकी वापसी का दिन” आदि ऐसी कहानियां है जिनमें, नारी जीवन के विविध पक्षों को बहुत सच्चाई के साथ प्रस्तुत किया गया है।”मालीन भौजी” एक ऐसी अकेली महिला की कहानी है जो जीवन को नए सिरे से प्रारंभ करना चाहती है तो “फोन नंबर दो” ऐसी छोटी बच्ची की कथा कहती है जो जिस्मफरोशी के जाल में फंस जाती है।”धूल-माटी-सी जिंदगी” पुरुषों की कामुक दृष्टि उससे पीड़ित महिला की पीड़ा का बयान करती है।


संग्रह की प्रत्येक कहानी एक स्त्री के जीवन के प्रत्येक पड़ाव की वेदना और उसकी मजबूरी को दर्शाती है। स्त्री के रूप में एक छोटी बच्ची से लेकर एक युवती और यहां तक के एक वृद्ध महिला का जीवन भी आसान नहीं होता। कहीं ना कहीं उसके साथ अन्याय होता ही है। इन सभी परिस्थितियों और उनसे जूझने वाली महिलाओं के जीवन के स्याह पन्नों को पाठकों, विशेष रुप से पुरुषों के सम्मुख उजागर करने का एक सफल प्रयास है। अंकिता जैन का यह कहानी संग्रह महिलाओं के जीवन में मील के पत्थर के समान है।

जहां तक उनके लेखन का प्रश्न है उन्होंने संग्रह की भूमिका में ही इसे स्पष्ट करते हुए लिखा है- मैंने कोशिश की है इन कहानियों को उसी भाषा और रूप में लिख पाऊं, जिस रूप में वे मेरे सामने आईं।

“सभी कहानियों को पढ़ने और उसकी भाषा शैली पर विचार करने के उपरांत यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्होंने प्रत्येक कहानी में उसके पात्रों तथा उनके व्यक्तित्व के अनुसार ही भाषा का प्रयोग किया है। उनकी दसों कहानियां विभिन्न स्थानों, वातावरणों और पृष्ठभूमि के अनुसार विविध रूप धारण करती हुई दिखाई देतीं हैं। कहानी की आवश्यकता के अनुसार खड़ी बोली, अंग्रेजी और देहाती शब्दों का भी प्रयोग उन्होंने किया है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि कथाकार अंकिता जैन की कहानियों में भाषा वैविध्य सर्वत्र दिखाई देता है।

उन्होंने स्त्री मन की व्यथा को कम से कम शब्दों में पाठकों तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया है। यह कहानी संग्रह उन पाठकों के लिए नहीं है जो विशुद्ध मनोरंजन के लिए कथा साहित्य पढ़ना चाहते हैं। यह एक ऐसे विशिष्ट वर्ग में लोकप्रियता प्राप्त करता आया है जो स्त्रियों के प्रति कोमल भाव रखते हैं और उन्हें जानना तथा समझना चाहते हैं।

अंकिता जैन का कहानी संग्रह नारी के बेरंग और बदरंग पक्षों को समाज के सामने प्रस्तुत करने का एक सफल प्रयास है। “ऐसी वैसी औरत” एक ऐसा कहानी संग्रह है जो किसी भी स्त्री को ऐसा वैसा कहने से पूर्व समूचे समाज को उसके अंतर्मन को समझने और अपनी सोच को परिवर्तित करने की क्षमता रखता है।

यह संग्रह अपने प्रकाशन के साथ ही पाठकों में लोकप्रियता प्राप्त करता आया है और मेरा विश्वास है कि आगामी वर्षों में भी यह लोकप्रियता के नए तूफानों को स्पर्श करेगा।

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