जहां तक इस उपन्यास के कालक्रम का प्रश्न है यह 4000 वर्ष पूर्व पृथयानी राजवंश को लेकर रचा गया है, जिसके केंद्रबिंदु 2000 वर्ष (ईसा पूर्व) पृथयानी के राजा अश्रवण, रानी नंदिनी तथा उनका परिवार है।
अपने प्रारंभिक भाग में तो यह ऐतिहासिक परिवेश पर रची गई सामान्य कहानी प्रतीत होती है परंतु, जैसे-जैसे कहानी गति प्राप्त करती है उसमें एक नई सोच और सामाजिक क्रांति का बीजारोपण होता हुआ दिखाई देता है।
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Manu Saunkhala
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कहानी का प्रारंभ दो घनिष्ठ सहेलियों सनाया और अनन्या से होता है जो समाज के दो वर्गों सामान्य तथा आरक्षित से संबंध रखती हैं। इनमें से सनाया का चयन आरक्षण के आधार पर देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में हो जाता है जबकि अनन्या प्रवेश से वंचित रह जाती है। यहीं से इन दोनों सहेलियों की दोस्ती में दरार पड़ जाती है।
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