दोपहरी | पंकज कपूर | पुस्तक समीक्षा By Dr. Sunita Chauhan on August 15, 2020 in Book Reviews, Fiction, Hindi Novels संक्षेप में कहूं तो “दोपहरी” उपन्यास को पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह हमारे अपने जीवन और पास पड़ोस से जुड़े ऐसे लोगों की कहानी है जो अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो चुके हैं तथा एकाकी जीवन व्यतीत करने के कारण उदासीन और निराश हो गए हैं।